Jammu Kashmir Police On Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि आतंकियों का ये ग्रुप हमले से एक हफ्ते पहले पहलगाम पहुंचा था और वहां पर OGW के साथ कई संभावित टारगेट की रेकी की थी. सूत्रों के मुताबिक, चार पाकिस्तानी आतंकी और उनके साथी पहागाम 15 अप्रैल को पहुंचे और कई जगह पर जाकर हमले की योजना बनाई.
सबसे पहले पहलगाम की आरु घाटी की रेकी हुई थी लेकिन यहां पर सुरक्षा बालो के कैंप होने के चलते इसको रिजेक्ट किया गया. इसके बाद आरु की तरफ वाली सड़क पर पड़ने वाले एम्यूजमेंट पार्क की रेकी हुई लेकिन यहां पर भीड़ कम होने के चलते इसको भी नकार दिया गया. फिर आखिर में बेताब घाटी को चुना गया. जो अमरनाथ यात्रा के रस्ते पर पड़ता है और भीड़ भी काफी थी लेकिन यात्रा के चलते इस इलाके में सुरक्षा बलों की मजूदगी के चलते इसको भी पाकिस्तानी आतंकियों ने नकार दिया पर ये बात OGW को नहीं बताई गई.
हमले से तीन दिन पहले की बैसरन घाटी की रेकी
इसके बाद हमले से तीन दिन पहले पाकिस्तानी आतंकी बैसरन घाटी गए और इसको तुरंत ही अपने मंसूबे के लिए चुन लिया. घटना से एक दिन पहले सीथानीय OGW को 22 अप्रैल को 2 बजे तक बैसरन घाटी पहुंचने के लिए कहा गया था. जिसके बाद 2 बजकर 28 मिनट पर नरसंहार में पहली गोली चली थी.
सुरक्षाबलों का दो बार हो चुका है आतंकियों से आमना-सामना
हमले के बाद अभी तक के तलाशी अभियान में दो बार आतंकियों के साथ सुरक्षा बलों का आमना-सामना हो चुका है. कोकरनाग और दूरू के जंगलो में इनको देखा गया है. सुरक्षाबलो ने जंगल के बड़े हिस्से में आग भी लगाई लेकिन आतंकी बाहर नहीं आए. इन सबके बीत सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक सिर्फ दो ही आतंकियों को तलाशी अभियान के दौरान देखा गया है.
ये भी पढ़ें: ‘गोली मेरे बालों को छूकर निकल गई’, पहलगाम आतंकी हमले में बाल-बाल बची ये फैमिली, सुनाई खौफनाक दास्तां