Pakistani National’s on Attari Border : पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने की मौहलत रविवार (27 अप्रैल) को खत्म होने के बीच अपने देश लौट रहे पाकिस्तानी भारत में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से विदा होते समय भावुक हो गए. वहीं, इस बीच कई पाकिस्तानी लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उनके परिवार के लोगों के पाकिस्तानी होने के बावजूद उन्हें पाकिस्तान नहीं जाने दिया जा रहा है.
एक पाकिस्तानी किशोरी सरिता ने रोते हुए कहा, “मेरी मां भारतीय हैं और उन्हें हमारे साथ पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.” सरिता नहीं जानतीं कि अब वह अपनी मां से व्यक्तिगत रूप से कब मिल पाएगी. सरिता, उसका भाई और पिता रविवार (27 अप्रैल) को भारत से पाकिस्तान जाने के लिए अटारी सीमा पर कतार में खड़े सैकड़ों लोगों में शामिल थे.
सरिता ने रोते हुए बताया मां से बिछड़ने का दर्द
सरिता का परिवार मंगलवार (29 अप्रैल) को होने वाली एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए भारत आया था. सरिता ने कहा, “हम नौ साल बाद भारत आए हैं.” रोते हुए सरिता ने कहा, “वे (अटारी के अधिकारी) हमें बता रहे हैं कि वे मेरी मां को साथ नहीं जाने देंगे. मेरे माता-पिता की शादी 1991 में हुई थी. लेकिन वे कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए की थी घोषणा
भारत ने घोषणा की है कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रविवार (27 अप्रैल) से रद्द माने जाएंगे और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीयों को जल्द से जल्द भारत लौटने की भी सलाह दी गई है. इसके अलावा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किया गया मेडिकल वीजा (मंगलवार) 29 अप्रैल तक वैध है.
पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.
अटारी बॉर्डर पर गाड़ियों ने लगी लंबी कतार
पंजाब के अमृतसर जिले में अटारी बॉर्डर पर गाड़ियों की कतार लग गई, क्योंकि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक अपने देश जाने के लिए पहुंचे. इस दौरान अटारी बॉर्डर पर कई भारतीय अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों को विदा करने आए थे और उनसे बिछड़ने का दर्द साफ झलक रहा था.
भारत में रिश्तेदारों से मिलने आए पाकिस्तानियों ने बताया दर्द
कई पाकिस्तानी नागरिकों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे. कुछ लोग यहां शादी में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें शादी में शामिल हुए बिना ही घर लौटना पड़ रहा है.
जैसलमेर के एक शख्स ने कहा कि उसके मामा, मामी और उनके बच्चे 36 साल बाद उनसे मिलने आए थे, लेकिन वीजा रद्द होने के कारण उन्हें समय सीमा से पहले ही वापस जाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, “वे दो हफ्ते पहले 15 अप्रैल को पाकिस्तान के अमरकोट से 45 दिन के वीजा पर आए थे. किसी को नहीं पता था कि स्थिति ऐसी हो जाएगी. उन्हें अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने का समय भी नहीं मिला.”
आतंकवादियों को मिलनी चाहिए सार्वजनिक फांसी- पाकिस्तानी नागरिक
पेशावर के जनम राज (70) ने कहा कि वह अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए 45 दिन के वीजा पर भारत आए थे. उन्होंने कहा, “मैं तीन सप्ताह पहले भारत की अपनी पहली यात्रा पर आया था और देखिए कि यह सब क्या हो गया.”
दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद आरिफ अपनी एक रिश्तेदार को अटारी छोड़ने आए थे. पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने मानवता की हत्या की है और उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए.
वहीं, कराची से एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद सलीम ने कहा कि 45 दिन के वीजा पर भारत आए थे, लेकिन अप्रत्याशित घटनाओं के कारण बाकी पाकिस्तानियों की तरह स्वदेश लौटना पड़ रहा है.