Raja Bhaiya’s Daughter Raghavi Kumari Bhadri : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल,2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद पूरा देश गुस्सा से उबल रहा है. देश के हर कोने से आतंकवादियों के खत्म करने और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग उठ रही है. देश के सभी राजनीतिक दलों के नेता इस आतंकी हमले पर मुखर होकर बोल रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य राजा भैया की बेटी राघवी कुमारी भद्री का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में लोगों की सुरक्षा की मांग की है.
राजा भैया की बेटी राघवी कुमारी भद्री जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए इस आतंकवादी हमले की निंदा की. लेकिन इसके साथ उन्होंने पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू लोगों की सुरक्षा के लिए मांग उठाई है. पाकिस्तान में हिंदू नागरिकों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी लिखा. इस पोस्ट में उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के लिए न्याय और पाकिस्तानी हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है.
‘जो लोग हिंदू होने के कारण मारे गए, उन्हें न्याय मिलना चाहिए’- राघवी
राजा भैया की बेटी राघवी कुमारी भद्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय निडरता और राष्ट्र सुरक्षा की सच्ची भावना का प्रतीक है. जो लोग केवल हिंदू होने के कारण निर्दयता से मारे गए, उन्हें शब्दों से परे न्याय मिलना चाहिए और ये कदम उसी दिशा एक दृढ़ संदेश है.” उन्होंने लिखा, “पर क्या हम उन अनगिनत पाकिस्तानी हिंदुओं को नजरअंदाज कर सकते हैं, जो आज भी उन्हीं कट्टरपंथी विचारधारा से घिरे इलाकों में फंसे हुए हैं, जिनसे हम पर हमला हुआ? कौन उनकी सुरक्षा करेगा?
प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय निडरता और राष्ट्र सुरक्षा की सच्ची भावना का प्रतीक है।
जो लोग केवल हिंदू होने के कारण निर्दयता से मारे गए, उन्हें शब्दों से परे न्याय मिलना चाहिए और यह कदम उसी दिशा में एक दृढ़ संदेश है।
पर क्या हम उन अनगिनत पाकिस्तानी हिंदुओं को नज़रअंदाज़ कर सकते…— Raghavi Kumari (@RaghaviBhadri) April 24, 2025
उन्होंने आगे लिखा, “अपने देश के लिए खड़े होना गर्व की बात है लेकिन अपने लोगों के लिए खड़े होना हमारी जिम्मेदारी भी है, चाहे वो कहीं भी हों. अब समय आ गया है कि हम न सिर्फ देश की सीमाएं बल्कि अपनी सांस्कृतिक और मानवीय सीमाएं भी पहचानें.”