सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले पर सुनवाई 29 अप्रैल के लिए टल गई है. याचिकाकर्ताओं के लिए पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की. जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस बात पर अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा.
2022 में आई थी रिपोर्ट
पेगासस जासूसी मामले की जांच करने वाली कमेटी ने 2022 में ही रिपोर्ट सौंप दी थी. कमेटी ने अपनी तरफ से जांचे गए किसी भी मोबाइल में पेगासस स्पाइवेयर होने की पुष्टि नहीं की थी. कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे लोगों की तरफ से कुल 29 फोन दिए गए. 5 में मालवेयर होने का अंदेशा पाया गया, लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि यह पेगासस ही है.
रिपोर्ट के कुछ हिस्से सार्वजनिक हो सकते हैं
कमेटी ने भविष्य के लिए कुछ सिफारिशें भी दी थीं. कमेटी ने अनुरोध किया था कि लोगों की निजता के मद्देनजर मोबाइल फोन की जांच में मिली बातों को प्रकाशित न किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा.
क्या है मामला?
वरिष्ठ पत्रकार एन राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास समेत 15 याचिकाकर्ताओं ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए लोगों की जासूसी किए जाने का अंदेशा जताया था. 27 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने मामले की सच्चाई जांचने के लिए 3 सदस्यीय तकनीकी कमेटी बनाई थी. कमेटी की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर वी रवींद्रन को नियुक्त किया गया था. कमेटी का गठन करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि कमेटी भविष्य के लिए सुझाव दे.
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